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Economy and Finance

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स्टार्टअप्स  का The End क्यों हो रहा हैं ? आइये जानते हैं वो पांच सबसे मुख्य कारण

03 Apr 2023 Zinkpot 146
  1.  स्टार्टअप  किसी  इनोवेटिव  आईडिया  पर  बेस्ड  एक  नए  वेंचर  या  कंपनी  को  कहते  हैं 
  2. भारत  सरकार  ने  2015 में  स्टार्टअप  इंडिया  मिशन  लांच  किया . इंडिया  में  2019 के  बाद  स्टार्टअप्स  की  जैसे  बहार  आ  आ गयी . धड़ाधड़ एक  के  बाद  एक  स्टार्टअप्स  शुरू  होने  लगे .
  3. भारत में लगभग 75,000 स्टार्टअप हैं और भारतीय स्टार्टअप सिस्टम ने द्वारा अब तक 7.46 लाख नौकरियां प्रदान की हैं
  4. उनमें  से  तो  कई  बहुत  सक्सेसफुल  और  पॉपुलर  भी  गए . कुछ  ने  इन्वेस्टर्स  से  बहुत  सारी फंडिंग  ले  कर  अपनी  वैल्यूएशन  को  बिलियन  डॉलर्स  तक  पंहुचा  दिया | 2021-22 में 16,000 नए स्टार्टअप बने  इनमें से 100 से अधिक स्टार्टअप तो यूनिकॉर्न में बदल गए |1 बिलियन डॉलर या उससे अधिक के बाजार मूल्य के स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहते है 
  5. 2022 में  इंडिया  में  44 स्टार्टअप्स  यूनिकॉर्न  बने . इसमें प्रमुख स्टार्टअप्स Unacademy, Rivigo, Meesho etc थे |
  6. लेकिन २०२२ से लगातार स्टार्टअप्स का  the end होता दिख रहा है |अधिकांश ने भारी  संख्या में अपने कर्मचारियों को निकाल भी दिया है  | 
  7. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में 34 स्टार्टअप कंपनियों से करीब 11,363 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, जिसमें एडटेक कंपनियां सबसे ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं।
  8. आईबीएम द्वारा प्रायोजित अध्ययन के अनुसार, कम से कम 90 प्रतिशत भारतीय स्टार्टअप पहले पांच वर्षों में असफल हो जाते हैं।
  9. तो आइये जानते है की वे मुख्य कारण क्या है जिनसे स्टार्टअप्स का The end होता जा रहा है    
  10. पहला, फंडिंग में गिरावट: स्टार्टअप्स को बाजार में बने रहने के लिए निरंतर कैश की आवश्यकता होती है। लेकिन फंडिंग में 37% की वार्षिक दर से गिरावट आई है। बाजार में जोखिम के चलते निवेशक ज्यादा पैसा लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। जैसे हाल ही में अनएकेडमी जैसे स्टार्टअप्स ने फंडिंग संकट के कारण हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। इसके अलावा, रूस यूक्रेन युद्ध, बहुत अधिक मुद्रास्फीति और अस्थिर अर्थव्यवस्था के कारण, दुनिया भर के शेयर बाजार लगातार गिर रहे हैं। ऐसे में आईपीओ के जरिए बाजार से पैसा जुटाना भी संभव नहीं है।
  11. दूसरा कारण, अनावश्यक मार्केटिंग खर्च : बायजू, क्रेड ने ठोस राजस्व मॉडल के बिना विज्ञापनों, आईपीएल प्रायोजन पर भारी खर्च किया है। इससे इनपर बिना मुनाफे के भारी ऋण भी हो गया है, जिससे आगे चलना मुश्किल है |
  12. तीसरा, कानूनी जटिलताएं: क्रिप्टोक्यूरेंसी आधारित स्टार्टअप जैसे वजीर एक्स, कॉइनडीसीएक्स कराधान और नियामक जटिलताओं के कारण पीड़ित हैं। भारत सरकार ने क्रिप्टो मुनाफ़े पर 30% टैक्स लगाया है। इससे निवेशकों का रुझान भी क्रिप्टोक्यूरेंसी से घटा है 
  13. चौथा, फाइनेंसियल इर्रेगुलरिटीज़ या वित्तीय अनियमितताएं: कार रिपेयर स्टार्टअप गो मैकेनिक और फैशन कंपनी जिलिंगो इसी श्रेणी में आती हैं। गो मैकेनिक और जिलिंगो पर धोखाधड़ी और गलत वित्तीय  सूचना देने का आरोप है
  14. पांचवा, आर्थिक अनिश्चितता के कारण उपभोक्ता मांग में गिरावट, बड़े खिलाड़ियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा उन्हें बाजार में लंबे समय तक टिकने नहीं देती। उदाहरण के लिए ई-कॉमर्स मीशो के लिए Amazon या Reliance के सामने टिकना बहुत मुश्किल है।
  15. इसलिए स्टार्टअप्स का सीजन खत्म होता दिख रहा है और इसलिए केवल बड़ी जेब वाले, मजबूत उत्पाद वाले और सही प्रबंधन वाले स्टार्टअप्स ही भविष्य देखने के लिए जिंदा रहेंगे |
  16. ऐसे और वीडियो देखने के लिए Youtube पर  Zinkpot Capital को सब्सक्राइब करें

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